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क्या है ई-इनवॉइसिंग | E INVOICING UNDER GST E Invoicing Under GST | सामान्य GST Portal पर ‘E Way Bill’ के दाखिल होने से एक स्थान से दूसरे स्थान पर माल की ढुलाई की सुविधा है। इसी तरह, GST Council ने अपनी 35 वीं Meeting में, E Invoicing की एक प्रणाली को लागू करने का निर्णय लिया है, जो निर्दिष्ट श्रेणियों के व्यक्तियों पर लागू होगा। E Invoicing GST Portal पर Invoice की पीढ़ी नहीं है। यह एक मिथक है। E Invoicing एक आम पोर्टल पर पहले से ही तैयार मानक चालान की प्रविष्टि है। इस प्रकार यह Invoice विवरण के एक बार के इनपुट के साथ बहुउद्देश्यीय रिपोर्टिंग को स्वचालित करता है। E Invoicing क्या है? | What Is E Invoicing? E Invoicing या ‘ Electric Invoicing एक प्रणाली है जिसमें B2B Invoice को GSTN द्वारा आम GST पोर्टल पर आगे उपयोग के लिए Electronic रूप से प्रमाणित किया जाता है। प्रस्तावित E Invoicing प्रणाली के तहत, जीएसटी नेटवर्क (GSTN) द्वारा प्रबंधित Invoice Registration Portal इनवॉइस पंजीकरण पोर्टल (IRP) द्वारा प्रत्येक Invoice के खिलाफ एक पहचान संख्या जारी की जाएगी। सभी Invoice क
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■ मात्र 32 ₹ प्रतिदिन पर पाएँ 20 लाख तक का पूरे परिवार का मेडीकल प्लान ■ अचानक आई मुश्किल में किसी पर नहीं रहना पड़ेगा निर्भर ■ India की सबसे बड़ी एवं ख्याति प्राप्त मेडिकल हेल्थ कम्पनी का आकर्षक पारिवारिक मेडीकल प्लान -------मुख्य सुविधाएं------- (1) पूरे परिवार को दें कैशलेस (बिना भुगतान) बेहतर इलाज का सर्वोत्तम मेडिकल प्लान (2) 5 लाख के प्लान में पूरे परिवार को मिलेगा 20 लाख तक का बेहतरीन इलाज (3) बच्चे की Dilevery होने पर उत्पन्न होने बाली बीमारी के इलाज के लिए 50 हजार तक का लाभ (4) सभी डाक्टर्स , नर्स , ऑपरेशन , कमरा , दवाएं , खून आदि की मुफ्त सुविधाएं (5) कोलकाता (पश्चिम बंगाल ) , बिहार, उत्तर प्रदेश, मुंबई, दिल्ली, राजस्थान, सहित देश के हर बड़े शहर के सुप्रसिद्ध अस्पताल में मिलेगा लाभ (6) पूरे भारत में सबसे अधिक 10000 अस्पतालों में बेहतर इलाज (7) हर विषम परिस्थिति / बीमारी / दुर्घटना में मिलेगा पूरे परिवार को Freindly Treatment (8) अस्पताल में भर्ती होने से 2 माह पहले के एवं अस्पताल से छुट्टी के 3 माह बाद के इलाज की भी मुफ्त सुविधा (9) आयुर्वेद / होम्योपैथी इलाज के इ
🚩 रामनवमी पर विशेष 🚩
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🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩 🚩 रामनवमी पर विशेष 🚩 ➖➖➖-➖-➖➖➖ 🔶 सज्जनों, आज 'रामनवमी' है । इस बार 'कोरोना महामारी' के चलते रामनवमी पर बड़ी बड़ी शोभा यात्राएं तो सम्भव नहीं हैं, फिर क्यों ना आज प्रभु श्रीराम के जन्मोत्सव पर एक अद्भुत उपहार दिया जाए, श्रीराम जन्मोत्सव के शुभ अवसर पर आओ आज हम सब मिलकर आकाश को जगमगा दें । सम्पूर्ण भारत को दीपों की माला से सजा दें । भारत की एकजुटता पुनः विश्व को दिखा दें । 🔶 समस्त भारतीय आज अपने अपने घरों के बाहर या जहाँ कहीं भी सम्भव हो, वहाँ मिट्टी के 9 दीपक जो सामान्य रुप से हर घर में मिल ही जाते हैं और यदि मिट्टी के दीपक भी ना मिलें तो फिर अपने घर में आटे से भी दीपक बनाकर जय श्रीराम बोलकर अपने अपने आंगन में प्रज्वलित करें । यह शुभ कार्य आज ही बृहस्पतिवार, 2 अप्रैल, रामनवमी को सायं 7:30 बजे निश्चित समय पर करना है । 🔶 आज भारतवासी पूरे भारत की रात्रि को दिन में बदलकर एक नयी मिशाल कायम करें । जिससे पूरे विश्वभर में लोगों को पता चले कि प्रभु श्रीराम के जन्मोत्सव पर 'कोरोना महामारी' के चलते हुए भी भारतवासी पूरे देश में कर्फ्यू जैसी
⭕ देश के लिए शक्ति प्रदर्शन
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⭕ देश के लिए शक्ति प्रदर्शन ➖➖➖➖➖➖➖➖ 🔶 मैंने कहीं पढ़ा था कि किसी देश में मार्ग (सड़क) बनाने के लिए रास्ते में आए हुए उन वृक्षों को काटा नहीं जाता था, बल्कि इक्ट्ठे होकर सामुहिक रुप से उन वृक्षों को बद्दुआ दी जाती थी, जिससे वे वृक्ष सूखकर स्वयं ही अपनी जीवन लीला समाप्त कर लेते और लोग उन सूखे वृक्षों को हटाकर अपना मार्ग बना लेते । 🔶 इसी तरह से 'सामुहिक प्रार्थना' की जाती है । एक ही समय में एक कृत्य, एक विचार, एक प्रार्थना, एक भाव मिलकर एक शक्तिपुंज का निर्माण करते हैं । यह एक प्रक्रिया है जिससे हम विश्व कल्याण के लिए ईश्वरीय प्रार्थना एवं समर्पण कर सकते हैं । 🔶 कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी, चतुर्दशी व अमावस्या को काली शक्तियों का प्रभाव अन्य दिनों की अपेक्षा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को तो साक्षात मृत्यु के देवता यमराज का दिन माना जाता है । इसीलिए कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में (दीपावली से पहले) त्रयोदशी तिथि को सभी अपने अपने घरों के मुख्य द्वार पर दक्षिण दिशा की तरफ मुँह करके मिट्टी के दीपक में सरसों का तेल डालकर 'यम दीया' जलाते हैं, जिसमें एक
इस नाजुक दौर में संतुलन बनाए रखें
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⭕ इस नाजुक दौर में संतुलन बनाए रखें ➖➖➖➖➖➖➖ 🔷 नाव डूबने के बाद नाविक और पाँच-सात कुशल तैराक नदी में तैरकर अपनी-अपनी जान बचाकर बाहर निकले । उधर नाव सबको नदी में छोड़ खुद आगे निकल गयी । बचे हुए लोग राजा के दरबार में पेश किए गए । 🔷 राजा ने नाविक से पूछा - 'नाव कैसे डूबी ? क्या नाव में छेद था ?' 🔷 नाविक ने कहा - 'नहीं महाराज ! नाव बिल्कुल दुरुस्त थी ।' 🔷 राजा ने पूछा - 'इसका मतलब, तुमने नाव में सवारियाँ अधिक बिठाई होंगी !' 🔷 नाविक ने कहा - 'नहीं, महाराज ! सवारियाँ नाव की क्षमतानुसार ही थीं और न जाने कितनी बार मैंने इससे भी अधिक सवारियाँ बिठाकर नाव पार लगाई हैं ।' 🔷 राजा बोले - 'आँधी-तूफान जैसी कोई प्राकृतिक आपदा तो नहीं हो गयी ?' 🔷 नाविक ने उत्तर दिया - 'महाराज ! मौसम सुहाना था और नदी भी बिल्कुल शान्त थी ।' 🔷 राजा ने कहा - 'तो तुमने जरुर मदिरा पान किया होगा ।' 🔷 नाविक ने हाथ जोड़ कर उत्तर दिया - 'नहीं महाराज ! आप चाहें तो इन लोगों से पूछ सकते हैं, ये लोग भी मेरे साथ ही तैरकर जीवित लौटे हैं ।'
⭕ कुछ भी कर लीजिए . . बिच्छु तो डंक मारेंगे ही
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⭕ कुछ भी कर लीजिए . . बिच्छु तो डंक मारेंगे ही ➖➖➖-➖-➖➖➖ 🔷 एक बार नदी में बाढ़ आ गयी । छोटे से टापू में पानी भर गया । चूहा कछुवे से बोला - 'मित्र ! मुझे नदी पार करा दो, मेरे बिल (घर) में पानी भर गया है ।' 🔷 कछुवे ने सहजता से चूहे की बात मान ली और उसे अपनी पीठ पर बैठाकर चलने ही लगा था कि तभी एक बिच्छु भी अपने बिल से बाहर आया और वह भी कछुए से बोला - 'भाई ! मुझे भी नदी पार जाना है, तुम मुझे भी अपनी पीठ पर बैठा लो ।' 🔷 चूहे ने कहा - 'नहीं, मित्र ! इसे मत बिठाना । यह बहुत जहरीला है, हम दोनों को काट खाएगा ।' 🔷 लेकिन बिच्छु ने कहा - 'अल्लाह कसम नहीं काटूंगा ! बस, मुझे बचा लो ।' 🔷 कछुए को बिच्छु पर दया आ गयी और वह चूहे व बिच्छू को अपने ऊपर बैठाकर नदी में तैरते हुए दूसरी पार जाने लगा । लेकिन बिच्छु ने अपने स्वभाव के अनुसार चूहे को काट खाया । चूहा चिल्लाया, पर नदी के बीच में उसे कौन बचाए ? कछुआ भी चाहकर चूहे को नहीं बचा पाया और चूहा बीच रास्ते में ही मर गया । 🔷 थोड़ी देर बाद बिच्छु ने कछुवे को भी डंक मारा । अब कछुए को अपनी पीठ पर बिच्छ
आपत्ति में ही धैर्य की परीक्षा होती है
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आपत्ति में ही धैर्य की परीक्षा होती है ➖➖➖➖➖➖➖ 🔷 आज देश में जहाँ लॉकडाउन हो रहा है, वहीं 33 वर्षों बाद दूरदर्शन चैनल पर भारत सरकार द्वारा फिर से रामायण का प्रसारण करना मानवीय मूल्यों को एक बार फिर से समेटने का प्रयास भी है । 🔷 रामायण के दो प्रसंग जो इस समय 'कोरोना महामारी' के कहर के समय हमें सिखाते हैं कि आज का दु:ख ही कल के सुख की आधारशिला है । महाराज दशरथ को जब संतान प्राप्ति नहीं हो रही थी, तब वो बड़े दुःखी रहते थे । पर ऐसे समय में उनको एक ही बात से हौंसला मिलता था जो कभी उन्हें आशाहीन नहीं होने देता था, वो हौंसला था - पितृभक्त श्रवण कुमार के पिता का दशरथ जी को दिया गया श्राप और देखिए, यह कोई किसी ऋषि-मुनि या देवता का वरदान नहीं था, बल्कि एक श्राप था । 🔷 दशरथ जी जब जब संतान न होने से दुःखी होते तो उन्हें श्रवण कुमार के पिता का दिया हुआ श्राप याद आ जाता था । उन्होंने शाप दिया था कि 'जैसे आज मैं पुत्र वियोग में तड़प तड़पकर मर रहा हूँ, वैसे ही तू भी अपने पुत्र के वियोग में तड़प तड़पकर मरेगा ।' 🔷 दशरथ जी को पता था कि एक न एक दिन यह श्राप
⭕ लॉकडाउन ⭕ बिमारी का जड़ से खात्मा
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⭕ लॉकडाउन ⭕ बिमारी का जड़ से खात्मा ➖➖➖➖➖➖➖ 🔷 बुराई की ऊपरी कांट-छांट से वह नहीं मिटती, उसे तो उसकी जड़ से मिटाना होता है । जब तक जड़ को नष्ट नहीं किया जाएगा, तब तक बार बार पनपती रहेगी । 🔷 किसी नगर में एक भला आदमी रहता था, जिसका नाम श्यामू था । उसके आंगन में एक पौधा उग आया । कुछ दिनों बाद वह बड़ा हो गया और उस पर फल लगने लगे । पहली बार जब उस पेड़ से फल पककर नीचे गिरा तो वह फल किसी कुत्ते ने खा लिया और जैसे ही कुत्ते ने फल खाया, तुरन्त उसके प्राण निकल गए । 🔷 श्यामू ने सोचा शायद कुत्ते को कोई बिमारी होगी, जिससे कुत्ता मर गया । उसने पेड़ के फल पर कोई ध्यान नहीं दिया । कुछ समय बाद उधर से एक लड़का निकला, उसने ज्यों ही फलों से लदे उस वृक्ष को देखा, उसने भी एक फल तोड़कर खा लिया । फल को खाते ही वह लड़का भी मर गया । 🔷 अब जैसे ही वह लड़का मरा तो श्यामू समझ गया कि फल खाने से इस लड़के की मृत्यु हुई है, लगता है इस पेड़ के फल ही जहरीले हैं । उसने पेड़ से सारे फल तोड़ डाले और खड्डा खोदकर जमीन में दबा दिए, ताकि कोई गलती से भी उन फलों को ना खा सके । लेकिन थोड़े दिनों के बाद पेड़ पर फिर
इंसान ही इंसान से डरेगा यह भी पता नहीं था
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🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼 इंसान ही इंसान से डरेगा यह भी पता नहीं था ➖➖➖➖➖➖➖ 🔷 हर कोई स्वयं को भगवान समझने लगा था, शायद इसीलिए परमात्मा का कहर भी जरुरी था । जो कहते थे कि मरने तक का समय नहीं है, वे आज मरने के डर से फुरसत में बैठे हैं । 🔶 माटी का संसार है खेल सके तो खेल, बाजी ईश्वर के हाथ है पूरा विज्ञान फेल । 🔷 व्यस्त थे जो सारे अपनी जिन्दगी की उलझनों में, जरा सी जमीन क्या खिसकी कि सबको ईश्वर याद आ गया । ऐसा भी आएगा समय पता नहीं था, इंसान ही इंसान से डरेगा यह भी पता नहीं था । राधे राधे कृष्णा
आओ चलें, आनन्द की ओर
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🍄🍄🍄🍄🍄🍄🍄🍄 💫 आओ चलें, आनन्द की ओर ➖➖➖-➖-➖➖➖ 🔷 विचार करें, संसार से मिलने वाली खुशी ज्यादा देर टिकने वाली नहीं है । क्योंकि सदा संसार ही टिकने वाला नहीं है । संसार हर पल बदल रहा है, इसलिए संसार से मिली हुई खुशी कैसे स्थिर रह सकती है ? यह भी याद रहे कि संसार से मिलने वाली खुशी जितनी ज्यादा होगी, उस खुशी में दु:ख की सम्भावना भी उतनी ही ज्यादा होगी । 🔶 जो खुशी बिना कारण अन्दर से आती है यानि जो खुशी हमारे अस्तित्व से, हमारे होने से आती है वो खुशी सदा सर्वदा है और कभी जाने वाली नहीं है, उसे ही आनन्द कहा गया है । यह आनन्द बिल्कुल हमारे श्वांस के साथ हर पल हमारे साथ रहेगा और इस आनन्द की अनुभूति तब होगी जब हमारे विचार हमारा ध्यान बाहरी वस्तुओं से, हमारे विचारों से हटेगा । जब हम स्वस्थ होंगे, स्वयं में स्थित होंगें, तभी हमारे हृदय रुपी सरोवर में विचारों की तरंगे शान्त होंगी और हमें परम् आनन्द की प्राप्ति होगी । राधे राधे कृष्णा
☀ आनन्दमय जीवन ☀
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☀ आनन्दमय जीवन ☀ ➖➖➖➖➖➖➖ 🔶 मन को एकाग्र करके कल्पना द्वारा नकारात्मक को सकारात्मक में बदला जा सकता है । इसके लिए आप सुबह उठते ही सबसे पहले यह कल्पना करें कि मैं बहुत प्रसन्न हूँ । बिस्तर से प्रसन्नचित्त उठें । आभामण्डित, प्रफुल्लित, आशापूर्ण, जैसे मेरे साथ कुछ समग्र, अनन्त बहुमूल्य होने जा रहा है । अपने बिस्तर से आशापूर्ण चित्त से कुछ ऐसे भाव भरें कि आज का यह दिन मेरे लिए बहुत खास है । आज कुछ अनूठा, कुछ अद्वितीय मेरी प्रतीक्षा कर रहा है । वह अनूठा और खास मेरे करीब है । इसी प्रक्रिया को दिनभर बार-बार स्मरण रखने की कोशिश करें । इस लॉकडाऊन के दौरान नित्य अभ्यास से आप अपने भीतर पाओगे कि मेरा पूरा वजूद, पूरा ढंग, पूरी तरंगें बदल गयीं हैं । 🔶 जब रात को आप सोते हो तो कल्पना करो कि मैं परमात्मा के दिव्य हाथों में जा रहा हूँ और परमात्मा मुझे सहारा दे रहा है । मैं प्रभु की गोद में सोने जा रहा हूँ । बस, एक बात पर निरन्तर ध्यान रखें कि नींद के आने तक आपको कल्पना करते जाना है, ताकि कल्पना नींद में प्रवेश कर जाए और कल्पना व अस्तित्व दोनों एक-दूसरे में घुल-मिल जाएं । 🔶 किसी नकारात्मक बात
जो दूसरों को सहारा देता है उसे सहारा परमात्मा देता है
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☘☘☘☘☘☘☘☘ जो दूसरों को सहारा देता है उसे सहारा परमात्मा देता है ➖➖➖➖➖➖➖ 🔷 संसार में हमें किसी का सहारा मिल जाना अच्छी बात है, किन्तु किसी का सहारा बन जाना उससे भी अच्छी बात है । संसार में हर कोई दूसरों से तो सहारा चाहता है, लेकिन दूसरों को सहारा देना नहीं चाहता । सच्ची शान्ति के लिए किसी बेसहारे का सहारा बन जाना सर्वश्रेष्ठ है । 🔷 आप आश्चर्य करेंगे कि जिस आनन्द और शान्ति के लिए हम दर-दर भटकते हैं, आखिर वह आत्मसुख हमें बहुत सस्ते में और आसानी से मिल सकता है । जो व्यक्ति दूसरों को सहारा देता है, उसे अपने लिए सहारा मांगना नहीं पड़ता, परमात्मा स्वयं ही उसे सहारा देता है ।
पीएम केयर्स फंड में आप भी दे सकते हैं दान, देखें किसने कितना दिया
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पीएम केयर्स फंड में आप भी दे सकते हैं दान, मैने किया आप बी करे ₹ 1,10 ,50,100 अपनी कैपिसिटी अनुसार: घर से जा नहीं जा सकते हो ट्रांसफर तो कर सकते हो सायाद आपकी मदद से किसी को रोटी मिले और किसी को जीवन मेरे बोलने पर किरपा ₹1 रुपए दान करे Dear dalbir singh, Thank you for banking with State Bank of India. "SB Collect" Txn DUC9492725 dated 14/04/2020 for Rs. 51.00 by dalbir singh credited to HARYANA CORONA RELIEF FUND towards HARYANA CORONA RELIEF FUND. Sincerely, Customer Service Team State Bank Of India Alerts Generated On : 14-Apr-2020 09:13 PM बॉलीवुड के सुपरस्टार अक्षय कुमार ने शनिवार को प्रधानमंत्री आपदा राहत कोष (पीएम केयर्स फंड) में 25 करोड़ रुपये की राशि देने की घोषणा की। सुपरस्टार रजनीकांत ने सबसे पहले 50 लाख रुपये दिहाड़ी मजदूरों के लिए दान दिए थे। दक्षिण के अन्य अभिनेताओं में प्रभास, महेश बाबू, पवन कल्याण, राम चरण समेत कई अन्य अभिनेताओं ने भी दान दिए हैं। पूर्व भारतीय बल्लेबाज सुरेश रैना
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Over Rs 13 crore donation made towards Haryana Covid-19 Relief Fund A man in his late 20s on Monday tested positive for COVID-19 in the Andaman & Nicobar Islands, taking the number of coronavirus positive cases in the Union Territory to 10, officials said. More than 5,000 people including political leaders have donated over Rs 13 crore towards Haryana Covid-19 Relief Fund, Chief Minister Manohar Lal Khattar said on Monday. Stating this on his Twitter account, the chief minister urged more people to come forward and donate to this fund. Haryana BJP chief Subhash Barala said that the state unit of the party will donate Rs 1 crore towards the fund. BJP's coalition partner in the state, Jannayak Janta Party had on Sunday donated Rs 51 lakh towards the Haryana COVID-19 Relief Fund. Khattar had set up the fund a week ago to mitigate the hardship of those affected by the coronavirus outbreak. He had made an initial contribution of Rs 5 lakh from his personal saving
State and National funds accepting donations for Covid-19
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As the world struggles with the current global health crisis, the Government of India has declared Covid-19 to be a “notified disaster”. The Government both at the Central and state level have announced several relief measures to support the citizens in the current testing times. The financial burden to manage the current health crisis is huge and several Indian State Governments have either setup dedicated relief funds to accept donations for Covid-19 or are accepting donations in the existing Chief Minister's Relief fund from both corporates and individuals. Team Sahyog , the Social Impact Initiative team at Invest India has put together a consolidated list of all such state funds and the Prime Minister's Relief Fund, the same is appended below. Name of Fund Type (National/State) Description Prime Minister’s Citizen Assistance and Relief in Emergency Situations Fund (PM CARES Fund) National Visit the website pmindia.gov.in and donate to PM CARES Fund using followi