⭕ कुछ भी कर लीजिए . . बिच्छु तो डंक मारेंगे ही


⭕ कुछ भी कर लीजिए . .
       बिच्छु तो डंक मारेंगे ही
  ➖➖➖-➖-➖➖➖

🔷 एक बार नदी में बाढ़ आ गयी । छोटे से टापू में पानी भर गया । चूहा कछुवे से बोला - 'मित्र ! मुझे नदी पार करा दो, मेरे बिल (घर) में पानी भर गया है ।'

🔷 कछुवे ने सहजता से चूहे की बात मान ली और उसे अपनी पीठ पर बैठाकर चलने ही लगा था कि तभी एक बिच्छु भी अपने बिल से बाहर आया और वह भी कछुए से बोला - 'भाई ! मुझे भी नदी पार जाना है, तुम मुझे भी अपनी पीठ पर बैठा लो ।'

🔷 चूहे ने कहा - 'नहीं, मित्र ! इसे मत बिठाना । यह बहुत जहरीला है, हम दोनों को काट खाएगा ।'

🔷 लेकिन बिच्छु ने कहा - 'अल्लाह कसम नहीं काटूंगा ! बस, मुझे बचा लो ।'

🔷 कछुए को बिच्छु पर दया आ गयी और वह चूहे व बिच्छू को अपने ऊपर बैठाकर नदी में तैरते हुए दूसरी पार जाने लगा । लेकिन बिच्छु ने अपने स्वभाव के अनुसार चूहे को काट खाया । चूहा चिल्लाया, पर नदी के बीच में उसे कौन बचाए ? कछुआ भी चाहकर चूहे को नहीं बचा पाया और चूहा बीच रास्ते में ही मर गया ।

🔷 थोड़ी देर बाद बिच्छु ने कछुवे को भी डंक मारा । अब कछुए को अपनी पीठ पर बिच्छु को बिठाने का पछतावा होने लगा । नदी पार होकर कछुए ने कहा - 'सुनो, जहरीले बिच्छु ! मैं इंसानियत के नाते मजबूर था, इसलिए तुम्हें बीच नदी में नहीं डुबोया । लेकिन मैंने तेरा क्या बिगाड़ा है ? उल्टा तेरी मदद ही की है और तू मुझे ही डंक मार रहा है ।'

🔷 बिच्छु ने कहा - 'मूर्ख ! तुम नहीं जानते, चाहे कोई भी हो, मेरी तो फितरत ही डंक मारना है । गलती तुम्हारी है, जो तुमने मुझ पर विश्वास किया ।'

                                                     राधे राधे कृष्णा

Comments

Popular posts from this blog

What is e-invoicing?

Advantages Of Partnership Firm Registration

Shop And Establishment