इंसान ही इंसान से डरेगा यह भी पता नहीं था


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       इंसान ही इंसान से डरेगा
           यह भी पता नहीं था
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🔷 हर कोई स्वयं को भगवान समझने लगा था, शायद इसीलिए परमात्मा का कहर भी जरुरी था । जो कहते थे कि मरने तक का समय नहीं है, वे आज मरने के डर से फुरसत में बैठे हैं ।

🔶 माटी का संसार है खेल सके तो खेल, बाजी ईश्वर के हाथ है पूरा विज्ञान फेल ।

🔷 व्यस्त थे जो सारे अपनी जिन्दगी की उलझनों में, जरा सी जमीन क्या खिसकी कि सबको ईश्वर याद आ गया । ऐसा भी आएगा समय पता नहीं था, इंसान ही इंसान से डरेगा यह भी पता नहीं था ।
                                     
                                                             राधे राधे कृष्णा

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