क्या है ई-इनवॉइसिंग | E INVOICING UNDER GST

E Invoicing Under GST | सामान्‍य GST Portal पर ‘E Way Bill’ के दाखिल होने से एक स्थान से दूसरे स्थान पर माल की ढुलाई की सुविधा है। इसी तरह, GST Council ने अपनी 35 वीं Meeting में, E Invoicing की एक प्रणाली को लागू करने का निर्णय लिया है, जो निर्दिष्ट श्रेणियों के व्यक्तियों पर लागू होगा। E Invoicing GST Portal पर Invoice की पीढ़ी नहीं है। यह एक मिथक है। E Invoicing एक आम पोर्टल पर पहले से ही तैयार मानक चालान की प्रविष्टि है। इस प्रकार यह Invoice विवरण के एक बार के इनपुट के साथ बहुउद्देश्यीय रिपोर्टिंग को स्वचालित करता है।

E Invoicing क्या है? | What Is E Invoicing?

E Invoicing या ‘Electric Invoicing एक प्रणाली है जिसमें B2B Invoice को GSTN द्वारा आम GST पोर्टल पर आगे उपयोग के लिए Electronic रूप से प्रमाणित किया जाता है। प्रस्तावित E Invoicing प्रणाली के तहत, जीएसटी नेटवर्क (GSTN) द्वारा प्रबंधित Invoice Registration Portal इनवॉइस पंजीकरण पोर्टल (IRP) द्वारा प्रत्येक Invoice के खिलाफ एक पहचान संख्या जारी की जाएगी। सभी Invoice की जानकारी इस पोर्टल से वास्तविक समय में GST पोर्टल और E Way Bill Portal दोनों में स्थानांतरित कर दी जाएगी। इसलिए, यह ANX -1 / GST Return दाखिल करने के साथ-साथ E Way Bill के Part A की पीढ़ी को दाखिल करते समय मैनुअल डेटा प्रविष्टि की आवश्यकता को समाप्त कर देगा, क्योंकि सूचना सीधे IRP द्वारा GST Portal को पारित की जाती है।

E Invoicing से व्यवसायों को कैसे लाभ होगा? What are the Major benefits of E Invoicing?

GSTN द्वारा शुरू किए गए E Invoicing का उपयोग करके कारोबारियों को निम्नलिखित लाभ होंगे:

  1. बेमेल त्रुटियों को कम करने के लिए E Invoicing GST के तहत डेटा सामंजस्य में एक प्रमुख अंतर को हल करता है और प्लग करता है।
  2. एक सॉफ़्टवेयर पर बनाए गए E Invoicing को दूसरे द्वारा पढ़ा जा सकता है, जिससे इंटरऑपरेबिलिटी की अनुमति मिलती है और डेटा एंट्री त्रुटियों को कम करने में मदद मिलती है।
  3. आपूर्तिकर्ता द्वारा तैयार किए गए Invoice के वास्तविक समय पर नज़र रखने को E Invoicing द्वारा सक्षम किया जाता है।
  4. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई GST काउंसिल की 35वीं बैठक में E-Invoice के प्रस्ताव पर फैसला हो गया है. इसको लेकर सिद्धांतिंक मंजूरी मिल गई है. अब माना जा रा है कि कंपनियों के बीच खरीद फरोखत (B2B) के लिये एक केंद्रीकृत सरकारी पोर्टल पर E-Invoice निकालने की प्रस्तावित व्यवस्था 50 करोड़ रुपये या उससे अधिक के कारोबार करने वाली कंपनियों के लिए हो सकती है. इस फैसले से सरकार को इनवॉयस के दुरूपयोग को रोकने तथा कर चोरी पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी.

    कारोबारियों और सरकार, दोनों को फायदे की उम्मीद- कंपनियों के बीच कारोबार के लिये इ-इनवॉयस निकालने के लिये कारोबार सीमा 50 करोड़ रुपये तय की जा सकती है. ई-इनवॉयस जनरेट करने के साथ 50 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार वाली इकाइयों को रिटर्न फाइल करने और इनवॉयस अपलोड करने के दो काम से राहत मिलेगी. इससे सरकार को इनवॉयस के दुरूपयोग को रोकने तथा कर चोरी पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी

 

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