छोटे कारोबारियों के लिए अगले वित्त वर्ष से GST रिटर्न भरना होगा आसान, ‘सहज’ का कर सकेंगे इस्तेमाल

GST रिटर्न दाखिल करने के नए सरल फॉर्म तैयार

gst return filing process will be easier from 1st april 2020 by Sahaj form
Image: Reuters
GSTN ने उद्योग जगत और खासतौर से छोटे व्यवसायियों को ध्यान में रखते हुए GST रिटर्न दाखिल करने के नए सरल फॉर्म तैयार किए हैं. ये सरल फॉर्म GST नेटवर्क की साइट पर उपलब्ध हैं और परीक्षण के तौर पर कारोबारी इन्हें देख और समझ सकते हैं. नए फॉर्म 1 अप्रैल 2020 से अमल में आएंगे. GSTN गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) के लिए नेटवर्क व्यवस्था उपलब्ध कराने वाली इकाई है.
GSTN के सीईओ प्रकाश कुमार ने बताया कि जीएसटी रिटर्न दाखिल करने की नई व्यवस्था अगले वित्त वर्ष यानी 1 अप्रैल 2020 से शुरू होगी. लेकिन इसके लिए जानकारी और जागरुकता अभियान अभी से शुरू कर दिया गया है ताकि जब इनका वास्तविक इस्तेमाल शुरू हो तो किसी को कोई कठिनाई नहीं हो.

‘सहज’ व ‘सुगम’ फॉर्म

उन्होंने बताया कि नई रिटर्न फाइल व्यवस्था में पांच करोड़ रुपये सालाना तक का कारोबार करने वाले छोटे व्यवसायियों के लिए प्रत्येक तिमाही रिटर्न दाखिल करने का विकल्प उपलब्ध होगा. कर भुगतान GST-PMT 08 के तहत ही होगा, जबकि पहले यानी मौजूदा चल रही व्यवस्था में यह भुगतान GSTR-3B के तहत किया जाता है. पांच करोड़ रुपये सालाना तक का कारोबार करने वाले छोटे कारोबारियों के लिये RET-2 यानी ‘सहज’ और RET-3 यानी ‘सुगम’ रिटर्न फॉर्म तैयार किए गए हैं. इन्हें केवल B2C (सीधे ग्राहकों को आपूर्ति करने वाली कंपनियां) और B2B (कंपनियों के बीच) व B2C दोनों तरह का कारोबार करने वालों के आधार पर बांटा गया है.

इन कारोबारियों को भरना होगा RET-1

सालाना पांच करोड़ रुपये से अधिक की आपूर्ति करने वाले उद्यमियों को अनिवार्य रूप से RET-1 मासिक रिटर्न दाखिल करने की व्यवस्था होगी. वर्ष 2018-19 में दाखिल GSTR-3B को यदि आधार माना जाए तो सालाना पांच करोड़ रुपये से कम कारोबार करने वाले रिटर्न दाखिल करने वाले व्यवसायियों की संख्या सबसे अधिक 70.22 फीसदी तक रही है.
इसमें केवल बी2सी आपूर्ति करने वाले कारोबारी 28 फीसदी और शून्य कारोबार रिटर्न वालों की संख्या 22.75 फीसदी रही है. पांच करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार करने वाले उद्यमी जो कि मासिक रिटर्न दाखिल करते हैं, उनकी संख्या कुल जीएसटी पंजीकरण संख्या के मुकाबले मात्र 7.06 फीसदी रही है.

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