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Showing posts from March, 2020

अपने ईपीएफओ अकाउंट में कैसे लॉग-इन करें?

अपने ईपीएफओ अकाउंट में कैसे लॉग-इन करें? मेंबर ई-सेवा पोर्टल में आप ईपीएफ स्‍टेटमेंट डाउनलोड करना, पैसे की निकासी के लिए क्‍लेम की फाइलिंग, ईपीएफ खातों का ट्रांसफर, नॉमिनेशन की फाइलिंग इत्‍याद‍ि जैसी सेवाएं पा सकते हैं. कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन (ईपीएफओ) के मेंबर ई-सेवा पोर्टल पर आप विभिन्‍न तरह की सेवाएं ऑनलाइन पा सकते हैं. इनमें ईपीएफ स्‍टेटमेंट डाउनलोड करना, पैसे की निकासी के लिए क्‍लेम की फाइलिंग, ईपीएफ खातों का ट्रांसफर, नॉमिनेशन की फाइलिंग इत्‍याद‍ि जैसी सेवाएं शामिल हैं. इन सेवाओं को हासिल करने के लिए आपको पहले ईपीएफओ पोर्टल पर रजिस्‍टर होना पड़ेगा. इसके बाद आप ईपीएफओ पोर्टल में लॉग-इन कर सकते हैं. -ईपीएफओ पोर्टल पर कैसे रजिस्‍ट्रेशन कराएं Step 1: सबसे पहले मेंबर ई-सेवा पोर्टल https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in/memberinterface/ पर जाएं. . Step 2: 'एक्टिवेट यूएएन' पर क्लिक करें. यूएएन का मतलब होता है यूनिवर्सल अकाउंट नंबर. Step 3 : आपकी स्‍क्रीन पर एक नया वेबपेज दिखाई देगा. आपको इनमें से किसी एक की डिटेल भरने के लिए कहा जाएगा: पैन, मेंबर आईडी, आध

तीन महीने तक किसी बैंक के एटीएम से पैसा निकालने पर चार्ज नहीं

तीन महीने तक किसी बैंक के एटीएम से पैसा निकालने पर चार्ज नहीं अर्थव्‍यवस्‍था पर कोरोना वायरस के असर को देखते हुए ये घोषणाएं की गई हैं. वित्‍त मंत्री ने कहा है कि इन उपायों का मकसद यह है कि लोग बैंक की शाखाओं में नहीं जाएं. अगले तीन महीने तक आप किसी भी बैंक के एटीएम से बिना किसी शुल्क के रुपये निकाल सकते हैं. इस दौरान सेविंग बैंक अकाउंट में  मिनिमम बैलेंस न मेनटेन कर पाने पर भी बैंक कोई चार्ज नहीं वसूलेंगे. वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को ये एलान किए. अर्थव्‍यवस्‍था पर कोरोना वायरस के असर को देखते हुए ये घोषणाएं की गई हैं. वित्‍त मंत्री ने कहा है कि इन उपायों का मकसद यह है कि लोग बैंक की शाखाओं में नहीं जाएं. दरअसल, सरकार कोरोना वायरस को लेकर कोई खतरा मोल नहीं लेना चाहती है. इस महामारी की रोकथाम के लिए वह लगातार लोगों से अपने-अपने घरों में रहने की अपील कर रही है. तमाम शहरों में कर्फ्यू और लॉकडाउन है. कोरोना वायरस के फैलने के कारण बैंक केवल आवश्‍यक सेवाएं ही दे रहे हैं. इनमें कैश डिपॉजिट और विद्ड्रॉल, चेक क्‍लीयरिंग, रेमिटेंस और सरकारी ट्रांजेक्‍शन शामिल हैं. बैंको

कोरोना के कारण क्‍या इन 5 जरूरी कामों की समयसीमा बढ़ाएगी सरकार?

फाइनेंशियल प्‍लानिंग के लिहाज से मार्च काफी अहम होता है. इस महीने कई जरूरी कामों की मियाद खत्‍म हो रही है. कोरोना ने ऐसे समय हड़कंप मचाया है जब वित्‍त वर्ष समाप्‍त होने की कगार पर है. फाइनेंशियल प्‍लानिंग के लिहाज से मार्च काफी अहम होता है. इस महीने कई जरूरी कामों की मियाद खत्‍म हो रही है. इनमें बिलेटेड रिटर्न, संशोधित रिटर्न फाइल करना, पैन और आधार को लिंक करना वगैरह शामिल हैं. तमाम शहरों में करीब-करीब बंद जैसी स्थिति है. लोग घर से काम कर रहे हैं. इसकी वजह है कि लोग भीड़भाड़ वाली जगह जाने से बच रहे हैं. इनकम टैक्‍स इम्‍प्‍लॉयी फंडरेशन और इनकम टैक्‍स गजटेड ऑफिसर्स एसोसिएशन ने केंद्रीय प्रत्‍यक्ष कर बोर्ड यानी सीबीडीटी के चेयरमैन को वित्‍त वर्ष की मियाद को 31 मार्च से बढ़ाकर 30 अप्रैल करने के बारे में लिखा है. 1. विवाद से विश्‍वास स्‍कीम विवाद से विश्‍वास स्‍कीम के तहत जो करदाता सरकार के साथ अपने टैक्‍स विवाद को निपटाना चाहते हैं, उन्‍हें यह काम 31 मार्च, 2020 तक कर लेना है. इसमें उन्‍हें चुनिंदा मामलों में केवल टैक्‍स की मूल रकम देनी होगी. पेनाल्‍टी या उस पर बना ब्‍याज माफ किय

कोरोना पर PM मोदी ने की ऐसी पहल, मुरीद हो गए दुनियाभर के नेता

कोरोना पर PM मोदी ने की ऐसी पहल, मुरीद हो गए दुनियाभर के नेता  1.   पूरी दुनिया में कहर बरपा रहे कोरोना वायरस को लेकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बड़ी पहल शुरू की है. उनकी इस पहल से दक्षिण एशियाई देशों के नेता मुरीद होकर ना सिर्फ सहमति देने लगे बल्कि पीएम मोदी की तारीफ भी करने लगे.  2. दरअसल, पीएम मोदी ने दक्षिण एशियाई देशों के संगठन दक्षेस (सार्क) में शामिल देशों से आह्वान किया है कि सभी आठ राष्ट्राध्यक्ष विडियो कॉन्फ्रेसिंग से जुड़कर कोरोना के खिलाफ साझी लड़ाई पर चर्चा करें.  3. शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर सभी सार्क देशों को इस वायरस के खिलाफ एकजुट होकर लड़ाई लड़ने को कहा था. इसके बाद अब कई देशों ने भारतीय प्रधानमंत्री की मुहिम का समर्थन किया है.  4.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के बाद श्रीलंका, भूटान और मालदीव के राष्ट्रप्रमुखों की ओर से प्रतिक्रिया आई है.  श्रीलंकाई राष्ट्रपति गोटबया राजपक्षे ने ट्वीट कर लिखा कि कोरोना वायरस के मसले पर श्रीलंका बात करने को तैयार है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐसे वक्त पर शानदार

दिल्ली से नहीं रुक रहा पलायन, अपने घर जाने के लिए आनंद विहार पर उमड़े हजारों लोग

दिल्ली से नहीं रुक रहा पलायन, अपने घर जाने के लिए आनंद विहार पर उमड़े हजारों लोग मजदूर, रिक्शा चालक और फैक्ट्री कर्मचारी अपने अपने गांव की ओर लौटने के लिए हजारों की तादाद में निकल पड़े हैं. लॉकडाउन के चौथे दिन शनिवार को देशभर में मजदूरों का अपने-अपने घर के लिए पलायन एक बड़ी चुनौती बनकर सामने दिखा. इससे निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने कई कदम उठाए हैं. दिल्ली-एनसीआर का हाल सबसे बुरा है, जहां मजदूर, रिक्शा चालक और फैक्ट्री कर्मचारी अपने अपने गांव की ओर लौटने के लिए हजारों की तादाद में निकल पड़े हैं. दिल्ली के आनंद विहार अंतरराज्यीय बस अड्डे पर शनिवार शाम पलायन करने वाले लोगों की भारी भीड़ लग गई जहां बदइंतजामी देखने को मिली. हालांकि सिर्फ दिल्ली-एनसीआर ही नहीं बल्कि देश के दूसरे छोटे बड़े शहरों से भी लोगों का पलायन यूं ही जारी है. चाहे वो कानपुर हो, सोनीपत हो या फिर सिरसा या आगर मालवा. दिल्ली-एनसीआर बॉर्डर पर लाइन में खड़ा एक मजदूर ने 'आजतक' से कहा कि खाना नहीं है, काम नहीं है, मर जाएंगे यहां. सामने आने वालीं तस्वीरें बताती हैं कि अजीब सी दहशत भर गई है इन

कोरोना के बीच घर जाने को उमड़े लोग, पढ़िए 5 बड़ी खबरें

कोरोना के बीच घर जाने को उमड़े लोग, पढ़िए 5 बड़ी खबरें कोरोना वायरस के चलते हिंदुस्तान में 21 दिन का लॉकडाउन कर दिया गया है. इसके चलते काफी संख्या में लोग पलायन कर रहे हैं. लोग पैदल ही अपने घरों के लिए निकल रहे हैं और भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. पढ़िए शनिवार शाम की पांच बड़ी खबरें. भारत में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार इजाफा होता जा रहा है. अब तक हिंदुस्तान में 983 लोग कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं, जिनमें से 23 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, दुनियाभर में कोरोना वायरस की चपेट में आने वाले लोगों का आंकड़ा बढ़कर 6 लाख 20 हजार से ज्यादा हो चुका है, जिनमें से 28 हजार 700 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. पढ़िए शनिवार शाम की बढ़ी खबरें... लॉकडाउन के चौथे दिन शनिवार को देशभर में मजदूरों का अपने-अपने घर के लिए पलायन एक बड़ी चुनौती बनकर सामने दिखा. इससे निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों ने कई कदम उठाए हैं. दिल्ली-एनसीआर का हाल सबसे बुरा है, जहां मजदूर, रिक्शा चालक और फैक्ट्री कर्मचारी अपने अपने गांव की ओर लौटने के लिए हजारों की तादाद में निकल पड़े हैं.

Special Report: कोरोना वायरस की महामारी से निपटने के लिए कितना तैयार है भारत?

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Special Report: कोरोना वायरस की महामारी से निपटने के लिए कितना तैयार है भारत? आंकड़े बता रहे हैं कि कई देशों की सरकारों ने इसकी चाप को समय रहते नहीं सुना. इसमें अमेरिका, इटली से लेकर ईरान तक शामिल हैं. स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को थोड़ी देर के लिए दरकिनार भी कर दें तो तकरीबन हर जगह की सरकारों ने तब तक कोई एक्शन नहीं लिया, जब तक यह बीमारी गुपचुप तरीके से महामारी नहीं बन गई. पूरी दुनिया के लिए खौफ का दूसरा नाम बन चुके कोरोना वायरस की सबसे खतरनाक प्रवृत्ति है इसकी चाल. पहले इसके लक्षण इक्का दुक्का लोगों में दिखते हैं, लेकिन दो से तीन हफ्ते में जंगल की आग की तरह फैलते हैं. आंकड़े बता रहे हैं कि कई देशों की सरकारों ने इसकी चाप को समय रहते नहीं सुना. इसमें अमेरिका, इटली से लेकर ईरान तक शामिल हैं. स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को थोड़ी देर के लिए दरकिनार भी कर दें तो तकरीबन हर जगह की सरकारों ने तब तक कोई एक्शन नहीं लिया, जब तक यह बीमारी गुपचुप तरीके से महामारी नहीं बन गई. बीमारी को रोकने के कम और शेयर बाजार के गिरने से लेकर राजनीतिक उठापटक की चिंता तकरीबन सभी देशों ने ज्यादा द