500 करोड़ रुपए टर्नओवर वाले बिजनेस के लिए 1 अक्टूबर से GST e-invoice होगा अनिवार्य, जल्द जारी होगी अधिसूचना


ई-इनवॉयस से छोटे व्यापारियों को कई फायदे, इस तरह काम करेगा सिस्टम

इलेक्ट्रॉनिक इनवॉयस व्यवस्था लागू होने से टैक्स चोरी पर लगाम लग जाएगा साथ ही व्यापारियों के लिए भी रिटर्न फाइल करने की पूरी प्रक्रिया आसान होगी।

GST-file
मुंबई
जीएसटी व्यवस्था को लागू करने के दो साल बाद सरकार अब टैक्स चोरी पर फोकस कर रही है। इसी सिलसिले में जनवरी 2020 से इलेक्ट्रॉनिक इनवॉयस को लागू किया जा सकता है। जीएसटी काउंसिल की गोवा में आयोजित 37वीं बैठक में ई-इनवॉयस के लिए स्टैंडर्ड व्यवस्था लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। फिलहाल इसको लेकर कोई विशेष नियम या स्टैंडर्ड नहीं है, जिसकी वजह से अलग-अलग सॉफ्टवेयर अपने-अपने तरीके से इनवॉयस तैयार करता है।


    टैक्स चोरी पर लगेगा लगाम
    स्टैंडर्ड ई-इनवॉयस की मदद से टैक्स चोरी पर भी लगाम लगाया जा सकेगा। GSTN की तरफ से इसको लेकर कहा गया कि नए सिस्टम से टैक्सपेयर्स को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। व्यापारी अपना सारा काम उसी तरह करते रहेंगे, जैसा वे करते आ रहे थे, लेकिन स्टैंडर्ड सॉफ्टवेयर की मदद से डेटा शेयरिंग की पूरी प्रक्रिया आसान हो जाएगी।

    हर इलेक्ट्रॉनिक इनवॉयस पर मिलेगा खास नंबर
    GSTN की तरफ से कहा गया कि वह छोटे टैक्सपेयर्स को मुफ्त में अकाउंटिंग और बिलिंग सॉफ्टवेयर देगा, जिससे आने वाले दिनों जीएसटी इकोसिस्टम पूरी तरह ऑनलाइन हो जाएगा। जानकारी के मुताबिक, हर इलेक्ट्रॉनिक इनवॉइस पर एक खास नंबर दिया जाएगा। बाद में इसका मिलान सेल्स रिटर्न में दिखाए गए इनवॉयस से करना होगा।

    टर्नओवर के आधार पर तय होंगे नियम
    जीएसटीएन इस विकल्प पर विचार कर रहा है कि इलेक्ट्रॉनिक इनवॉयस निकालने की अनिवार्यता को मूल्य के हिसाब से नहीं, बल्कि टर्नओवर की सीमा के आधार पर तय करने की जरूरत है, नहीं तो यह संभव है कि कंपनियां एक बिल को छोटे-छोटे बिलों में बांट दे और टैक्स की चोरी करे। वर्तमान में 50 हजार से ज्यादा ट्रांजैक्शन पर ई-बिल निकालना जरूरी है।

    टैक्स रिटर्न फाइल करने में होगी आसानी
    इलेक्ट्रॉनिक इनवॉयस व्यवस्था लागू हो जाने के बाद व्यापारियों को भी टैक्स रिटर्न फाइल करने में परेशानी नहीं होगी। वेबसाइट पर जाकर जब वह रिटर्न फाइल करेंगे, उस दौरान संबंधित इनपुट डेटा उनके सामने होगा। इससे टैक्स अधिकारियों और कर्मचारियों का काम आसान होगा।

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